Nsui का जिगरा भाजपा के गढ़ में फूंका मोदी का पुतला व फोड़ा मटका
कानपूर । भारतीय राष्ट्रीय छात्र सघठन (एन एस यू आई) ने कानपूर मे भाजपा का गढ़ कहने वाला कोतवाली चौराहे पर प्रधान मंत्री का पुतला व100 काले मटके फोड़ कर प्रधान नरेंद्र मोदी के कानपूर आगमन पर नोट बंदी के विरोध मे काले दिवस के रूप मे राष्ट्रीय सचिव एन एस यू आई अभिनव तिवारी के नेरतत्व मे प्रदर्शन किया इस दौरान उन्होंने कहा कि की देश मे लोगों के पास अपने पैसे होने होने के बाद भी पैसे के लिए त्राहि त्राहि मची है जाने कितने लोगों की जान पैसे न मिलने के कारण से चली गई प्रसव तक भी हो गया उस के बाद भी मोदी जी को शर्म नहीं आती है वो चालीस लाख के मंच पर भाषण देने कानपूर आ रहे हैं जिस के विरोध मे आज कल दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है प्रदेश सयोजक मोहम्मद तौहिद ( एडवोकेट ) ने कहा नोट बंदी का सब से बड़ा असर मज़दूर व् किसान व्यापारियों पर पड़ा है आज देश का मज़दूर रोज़गार न मिलने के कारण भूख से मर रहा है मोदी जी ने नोट बन्दी कर के देश के करोड़ों लोगों को रोज़गार छीन कर मारने के लिए छोड़ दिया है प्रदर्शन करने वाले लोगों मे मुख्य रूप से रजत बाजपाई,मयंक, अब्दुल तारिक़, मो अफ़रोज़, आयुष अग्रवाल, पवन यादव सोनू , शिवम चंद आशु पंडित, शिवम वर्मा मो आफाक आदि मौजूद रहे
बाहुबली अतीक अहमद की खिसकी सियासी जमीन कानपूर की छावनी से मिला टिकट
कानपूर । बाहुबली अतीक अहमद ( चकिया )को जिस इलाहाबाद में किसी समय तूती बोलती थी आज उसी जगह पर अतीक व् उन के भाई अशरफ को उन के गढ़ मे एक भी सुरक्षित सीट नहीं मिली। अतीक अहमद अपने भाई अशरफ को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन इलाहाबाद में ऐसी कोई सीट नहीं बची है जहां से उन्हें सपा से टिकट मिल सके।यूपी बाहुबलियों की लिस्ट में अतीक अहमद का नाम भी आता है। अतीक अहमद उन के भाई अशरफ का नाम तब सुर्खियां बन गया था जब 25 जनवरी 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या हो गयी थी हत्या इतने फ़िल्मी स्टाइल ,सनसनीखेज ढंग से की गयी थी कि सारा प्रदेश हिल गया था। राजू पाल की हत्या के आरोप में बाहुबली अतीक अहमद व उनके भाई अशरफ पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। बाद में मायावती ने इलाहाबाद पश्चिमी की सीट से राजू पाल की विधवा पूजा पाल को विधानसभा टिकट दिया था और पूजा पाल ने चुनाव जीत कर अतीक के भाई अशरफ को हरा कर अतीक के तिलस्म को टूटने का संदेश दे दिया था । बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बची कसर निकाल दी थी। मायावती के शासनकाल मे अतीक अहमद के खिलाफ कई मुकदमे पंजीकृत हुए और अवैध निर्माण कराने के आरोप में अतीक अहमद की कई बहुमंजिला इमारात भी गिरा दी गयी थी। इसी के बाद से अतीक अहमद का इलाहाबाद पश्चिमी सीट से राजनीतिक वर्चस्व खत्म होता नज़र आ रहा था। अब स्थिति साफ हो गयी है कि इलाहाबाद में अतीक अहमद व् उन के भाई अशरफ को चुनाव लडऩे के लिए सुरक्षित सीट नहीं मिली।
12 विधानसभा सीट वाला इलाहबाद शहर अब अतीक के लिए नहीं बचा सुरक्षित ।क्योंकि इलाहाबाद की पश्चिमी सीट पर अतीक का जलवा था लेकिन यह सीट भी अतीक अहमद व अशरफ के मुफीद नहीं रह गयी है। इसके अतिरिक्त इलाहाबाद की उत्तरी, दक्षिणी,फाफामऊ, सोरांव, फूलपुर, प्रतापपुर, हडिय़ा, झूंसी, कोरांव, बारा, मेजा व करछना सीट ऐसी नहीं है जहां से अतीक अहमद व् उन के भाई को जीत मिल सके। सूत्रों की माने तो अतीक अपने भाई के लिए प्रतापगढ़ व् कानपूर में भी सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे थे । कानपूर मे समीकरण बैठा तो लेकिन अशरफ के अनुकूल न होने के कारण वो स्वयं कानपूर की मुस्लिम बहुल छावनी विधान सभा से सपा के तले अपनी किस्मत आजमाने व् अपनी नई सियासी ज़मीन तैयार करने मे पहला कदम बढ़ा दिया है
*UNT News*
500 और 1,000 के पुराने नोट इस फैक्टरी को बेच रही हैं केंद्र सरकार, पढ़ें किस चीज के लिए होने लगा नोटों का इस्तेमाल
केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने के बाद तीन हफ्ते में अब तक आठ लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा किए जा चुके हैं… इतनी बड़ी मात्रा में इन नोटों के इकट्ठा हो जाने के बाद रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की केरल राज्य शाखा ने इन्हें जलाने के स्थान पर इन्हें रीसाइकिल करने का नया और अनूठा तरीका खोज निकाला है.
आरबीआई की राजधानी तिरुअनंतपुरम स्थित शाखा इन पुराने नोटों को देश की एकमात्र हार्डबोर्ड निर्माता फैक्टरी -द वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड्स लिमिटेड – को बेच रही है, ताकि वह इन्हें उत्तरी केरल के कन्नूर जिले में स्थित अपनी फैक्टरी में रीसाइकिल कर सके.
तिरुअनंतपुरम से लगभग 466 किलोमीटर दूर स्थित वर्ष 1962 में स्थापित इस फैक्टरी को ये पुराने नोट टुकड़े-टुकड़े करने के बाद दिए जाते हैं, जो इन्हें लुगदी में तब्दील कर देती है. फिर 95 फीसदी लकड़ी की लुगदी के साथ पांच फीसदी नोटों के काग़ज़ की लुगदी को मिलाकर हार्डबोर्ड बनाया जाता है.
द वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके मयान मोहम्मद ने कहा, “शुरुआत में यह हमारे लिए आसान नहीं था… नोटों का काग़ज़ काफी मज़बूत होता है, और आसानी से रीसाइकिल नहीं हो पाता… लेकिन हमारे इंजीनियरों ने शोध किया, नया तरीका तलाशने की कोशिश की, और आखिरकार कामयाब रहे… अब हम न सिर्फ लागत कम रखकर नोटों के काग़ज़ की लुगदी बना सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होने देते… सो, मैं इस फैसले से खुश हूं…”
पिछले तीन सप्ताह में फैक्टरी को लगभग 80 टन टुकड़े-टुकड़े किए जा चुके नोट मिल चुके हैं.
सोना 400 रुपये, चाँदी 740 रुपये लुढ़की…….
सोना 400 रुपये, चाँदी 740 रुपये लुढ़की…….
कानपूर। वैश्विक स्तर पर पीली धातु के 10 महीने के निचले स्तर तक लुढ़क जाने से आज दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 400 रुपये टूटकर छह महीने के निचले स्तर 29,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया।
चाँदी भी 740 रुपये लुढ़ककर लगभग छह महीने के निचले स्तर 40,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। एशियाई बाजारों में आज सोना हाजिर 10 महीने के निचले स्तर 1,163.45 डॉलर प्रति औंस तक उतर गया।
यूपी में कोहरे के साथ ठंड की दस्तक, सड़क-रेल यातायात चरमराया,14 की मौत
यूपी में कोहरे के साथ ठंड की दस्तक, सड़क-रेल यातायात चरमराया,14 की मौत
उत्तर प्रदेश में आज सुबह दृश्यता बेहद कम रहने से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। इसके चलते प्रमुख मांर्गों पर वाहन रेंगते रहे।
लखनऊ । अचानक हुए मौसमी उलटफेर ने पश्चिमी उप्र सहित सूबे के कई जिलों में घने कोहरे की चादर तान दी। मंगलवार के बाद बुधवार सुबह पहली बार सर्दी ने असरदार दस्तक दी और कंपकंपी छूट गयी। सुबह दस बजे तक दृश्यता बेहद कम रहने से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ और प्रमुख मांर्गों पर वाहन रेंगते रहे। कोहरा 14 लोगों के लिए काल साबित हुआ जबकि 36 से ज्यादा लोग घायल हो गए। कई जगह बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। विलंब से महामना ट्रेन में सवार रेल राज्यमंत्री भी परेशान रहे।
राजधानी लखनऊ व आसपास के क्षेत्र में कोहरे के कहर से पांच लोगों की मौत हो गई 19 लोग घायल हो गए। बाराबंकी घने कोहरे के कारण मार्ग दुर्घटना में तीन बच्चों की मौत हो गई। रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र में पत्थर लदी ट्रक की टक्कर से साइकिल से जा रहे दो छात्रों की मौत के बाद क्षेत्रीय लोगों ने तीन घंटे से अधिक समय तक फैजाबाद हाईवे जाम रखा। एक पुलिस के वाहन को पलट दिया तथा जाम तभी खत्म किया जब मौके पर गति अवरोधक का निर्माण करा दिया गया। विशुनपुर में स्कूल जा रही एक छात्रा की भी ट्रक की चपेट में आकर मौत हो गई।