कानपुर । विश्वविद्यालय में आत्म निर्भर भारत अभियान में कानपुर को आत्म निर्भर बनाने के लिए शिक्षविदो,व्यापारी वर्ग व प्रबुद्ध समाज की उपस्थिति,मंच पर कानपुर विश्वविद्यालय की कुलपति की उपस्थिति तथा वक्ता के रूप में महान शिक्षाविद,दार्शनिक तथा संस्कृति को धरातल पर लाने के लिए प्रयासरत अतुल कोठारी राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के वक्तव्य ने मन में व्याप्त उनकी महानता को तब धूमिल कर दिया जब उन्होंने ने उदाहरण के लिए बताया कि लूले लगड़े के साथ समान्य व्यक्ति को दौड़ में नहीं रहना चाहिए क्योंकि लूले लगड़े दो चार कदम चलेगे या जोर देने पर पचास कदम इतने महान व्यक्ति के द्वारा यह निम्न मानसिकता का उदाहरण,तब जब हाल मे प्रबुद्ध वर्ग व मंच पर सम्मानित कुलपति यही है उच्चवर्ग की सोच दिव्यांगों के प्रति !
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