कानपुर । चकेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकेरी चौकी इंचार्ज की तानाशाही से आम नागरिकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा ने चकेरी थानाध्यक्ष को अवगत कराया तब जाकर उनके आदेश पर कार्रवाई रोक दिया ।
जानकारी के अनुसार 365 एन टू रोड़ में रहने वाली मंजू देवी अपनी पुत्री ज्योति के साथ करीब 30 वर्ष से राजकुमार मिश्रा के मकान पर किराये पर रह रही थी, मकान खाली कराने को लेकर मकान मालिक से विवाद चल रहा था ।
मंजू सिंह भदौरिया ने बताया कि आज चकेरी चौकी इंचार्ज तरूण पाण्डेय अपने आधा दर्जन से अधिक सिपाहियों के साथ आकर जबरन घर का सामान बाहर फेकने लगे, जबकि सिविल जज मनोज कुमार ने मकान खाली न करने का स्टे हो गया था । जिसकी कापी भी चकेरी चौकी इंचार्ज को दिखाई, लेकिन उसने मानने से इंकार कर दिया, हमारे लिये यह रद्दी है, चकेरी चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने हमको व हमारी पुत्री को गंदी गंदी गालियां दिया। जिसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा को हुई तो उन्होंने तत्काल चकेरी थानाध्यक्ष से बातचीत किया ।
चकेरी थानाध्यक्ष ने तत्काल चकेरी चौकी इंचार्ज को फोन करके कोर्ट का आदेश मानने का आदेश दिया, बड़ी मुश्किलों के बाद चकेरी चौकी इंचार्ज व सिपाही वापस लौट गये ।
इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा, पंकज कुमार, सनी शर्मा, नीलेश गौतम, आलोक पाण्डेय आदि ने बताया कि चकेरी चौकी इंचार्ज मकान मालिक से मिलकर जबरन मकान खाली करा रहे हैं, कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं के साथ अभद्रता किया है, जबकि सिविल जज मनोज कुमार ने मकान खाली कराने पर रोक लगा दिया है। चकेरी थानाध्यक्ष ने कोर्ट का आदेश मानने का आदेश दिया। पीड़ित परिवार ने बताया कि चकेरी चौकी इंचार्ज तरूण पाण्डेय ने कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के लिये भी अभद्रत भाषा का प्रयोग कर रहे थे ।
Leave a Reply