कानपुर । गौशाला सोसायटी भौती शाखा कानपुर के तत्वाधान में गोवर्धन पूजा का बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया गया यह त्यौहार वर्षों से गोवर्धन पर्वत को पंचगव्य गोबर, गोमूत्र,दही,घी,दूध से बनाया जाता है चारों ओर रंगोली भी बनाई जाती है । सोसाइटी व गांव के लोग नए वस्त्र पहनकर गोवर्धन पूजा में हिस्सा लेते हैं । कानपुर गौशाला सोसायटी ने गोवर्धन पर्वत की पूजा के महत्व को बताते हुए कहा कि कृष्ण भगवान ने अपने बाल सखाओं के साथ गाये चराते हुए गोवर्धन पर्वत जा रहे थे वहां पर इंद्र भगवान का उत्सव मनाया जा रहा था । भगवान श्री कृष्ण ने उत्सव के बारे में जानना चाहा तो मौजूद गोपियों ने उन्हें बताया कि आज मेघ वाह देवता के स्वामी इंद्र भगवान की पूजा होने की तैयारी हो रही है जिससे इंद्र भगवान प्रसन्न होकर वर्षा करेंगे जिससे खेतों में उत्पन्न होगा । यह सुनकर श्री कृष्ण बोले इंद्र से अधिक शक्तिशाली तो गोवर्धन पर्वत है जिसके कारण वर्षा होती है, और सबको इंद्र से बलशाली गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए जिससे अपनी गायों को चारा देता है लोगों ने इंद्र देवता के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा प्रारंभ कर दी, इसको देख इंद्र देवता क्रोधित हो गए और इंद्र भगवान ने मूसलाधार वर्षा प्रारंभ कर दी तब कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छगनिया में उठाए रखा और गोप ग्वाले अपने पशुओं सहित गोवर्धन की तराई में आ गए तब ब्रह्मा जी ने इंद्र देव को बताया कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार है इस पर इंद्रदेव ने श्री कृष्ण भगवान से क्षमा याचना की ओर तब इंद्र का अहंकार चूर-चूर हो गया तब से गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है ।
कृष्ण बब्बू मंत्री कानपुर गौशाला सोसायटी ने प्रसाद का वितरण किया और आए हुए आगंतुकों का स्वागत किया ।
कार्यक्रम में सुरेश गुप्ता,कृष्ण गुप्त बाबू,हेमंत दुबे,संजीव दुबे,चंदेल बीके सिंह राजावत,शिवम द्विवेदी,गणेश पांडे,नरेंद्र सिंह,दिनेश शुक्ला सहित तमाम संस्था के पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे ।
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